आजादी का ये कैसा अमृत महोत्सव, यमकेश्वर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 चंदन सिंह बिष्ट का पैतृक गॉव कुमार्था सड़क से बंचित, ग्रामीणों ने दी अनशन की चेतावनी

आजादी का  ये  कैसा अमृत महोत्सव, यमकेश्वर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 चंदन सिंह बिष्ट का पैतृक गॉव कुमार्था सड़क से बंचित, ग्रामीणों ने दी अनशन की चेतावनी
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यमकेश्वरः एक तरफ सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, देश में हर घर तिरंगा का नारा दे रही है। जिन स्वतन्त्रता सग्रांम सेनानियों ने देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर कर दिये या जिन्होंने संर्घष किया उनके गॉव आज भी मूलभूत सुविधाओं से बंचित है। ऐसा ही एक मामला सज्ञान में आया है कि यमकेश्वर क्षेत्र के कुमार्था गॉव निवासी स्व0 चंदन सिंह बिष्ट जिन्होंने देश की आजादी की लडाई में बढचढ कर भाग लिया, उन्हें कैद की सजा दी गयी। आजादी के 75 साल पूर्ण होने पर पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन जिन सेनानियों ने देश के लिए संघर्ष किया उनके गॉव में आजादी के 75 साल बाद भी सड़क नहीं पहुॅंची है, वह आज भी मूलभूत सुविधाओं से बंचित है।

यमकेश्वर क्षेत्र के ग्राम कुमार्था गॉव के क्षेत्र विकास संघर्ष समिति से जुडे सदस्य एवं सचिव कमल रावत और दिनेश भण्डारी ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखकर सड़क निर्माण करने की मॉग की है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री की घोषणा संख्या 993/2021 के तहत स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व0 चंदन सिंह बिष्ट की जन्म स्थली ग्राम कुमार्था, यमकेश्वर के लिए 03 किमी0 मोटर मार्ग एवं गर्डर सेतू की प्रथम चरण की स्वीकृति बैरागढ पुल से कुमार्था गॉव तक निर्माण के लिए शासनादेश जारी हो गया था। उसके बाद फरवरी 2011 में द्वितीय चरण के तहत पहाड़ कटान व मलवा डिस्पोजन कार्य की स्वीकृति मिली। लोक निर्माण विभाग दुगड्डा ने स्वीकृति के प्रत्याशा में 03 किमी0 मोटर मार्ग के निर्माण ने निविदा आमंत्रित की। 08 माह पूर्व पुराने झूला पूल मोहन चट्टी से आगे कुमार्था गॉव तक 03 किमी पहाड़ कटान व मलवा डिस्पोज का कार्य 08 माह पूर्व आबंटित कर कर दिया, लेकिन अभी तक धरातल पर कार्य शुरू नहीं हुआ है।

         कुमार्था गॉव के क्षेत्र विकास संघर्ष समिति से जुडे सदस्य कमल रावत व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि स्वतंत्रा सग्राम सेनानी के गॉव का होना हमें फक्र महसूस होता है किन्तु सड़क नहीं होने के कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गॉव सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से बंचित होने के कारण दुर्घटना, बिमारी, व महिलाओं के प्रसव की दशा में 03 किलोमीटर दूर चारपाई, कुर्सी या अन्य विकल्पों के उपयोग करके मुख्य मार्ग तक लाना पड़ता है।

        ग्रामीणों का कहना है कि यदि लोक निर्माण विभाग और यमकेश्वर के जनप्रतिनिधियों ने इस पर कार्यवाही नहीं कि तो दिनांक 15 अगस्त से ही सड़क के लिए एक और लड़ाई अनशन के रूप में लड़ी जायेगी, और एक दिवसीय अनशन/ धरना प्रदर्शन मोहन चट्टी से आगे झूला पुल से जाने सड़क के पास करना मजबूरी वश किया जायेगा।

लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उक्त सड़क कटान के लिए भूमि विवाद होने के कारण मामला अभी विचाराधीन है, जैसे ही ग्रामीणों के द्वारा दोनें तरफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त होता है, सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा।

Mankhi Ki Kalam se

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