जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई
पुनर्वास एवं विस्थापन हेतु जिलाधिकारी, चमोली द्वारा प्रस्तुत 03 विकल्प
पुनर्वास एवं विस्थापन हेतु विकल्पों के सम्बन्ध में शासन स्तर पर माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किये जाने की समिति द्वारा संस्तुति
आपदा प्रभावित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के भी बिजली / पानी के बिल 06 माह हेतु माफ किए जाने की कार्यवाही
जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज घटकर 67 एलपीएम हुआ
235 भूस्वामियों को 3.53 करोड़ रूपये तथा 121 किरायेदारों को 60.50 लाख रूपये की धनराशि वितरित की गयी
देहरादून। सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सोमवार को मीडिया सेन्टर, सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में हुए भूधंसाव व भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव एवं स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के सम्बन्ध में आज अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक हुई। बैठक में समिति को जानकारी दी गई कि जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव व भूस्खलन के कारण प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं विस्थापन हेतु जिलाधिकारी, चमोली द्वारा 03 विकल्प प्रस्तुत किये गये हैं। पहले विकल्प में प्रभावित भू-भवन स्वामियों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुये वन टाईम सेटलमेन्ट किया जायेगा। प्रभावित हुए भूमि/भवन की क्षति के मुआवजे के रूप में वन टाइम सेटलमेन्ट करते हुए भूमि/भवन का निर्धारित मानकों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। सम्पूर्ण भुगतान करने से पूर्व संबधित प्रभावित की भूमि /भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी। दूसरे विकल्प के तहत प्रभावित भू-भवन स्वामियों को प्रभावित भूमि के सापेक्ष गृह निर्माण के लिए निश्चित अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मी0 तक की भूमि प्रदान की जायेगी तथा प्रभावित भवन का मुआवजा दिया जायेगा। प्रभावित भू-भवन स्वामियों को 100 वर्ग मी0 से अधिक की भूमि होने पर शेष भूमि का मानकों के अनुसार भुगतान किया जायेगा। प्रभावित भूमि/भवन स्वामियों का संपूर्ण भुगतान करने से पूर्व व गृह निर्माण के लिये निश्चित अधिकतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मी0 तक की भूमि आवंटित करने से पूर्व संबंधित आपदा प्रभावित की भूमि/भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी। तीसरे विकल्प के तहत प्रभावितों के पुनर्वास हेतु चिन्हित स्थान पर अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर दिया जायेगा। यदि प्रभावित आवासीय भवन/भूमि का मूल्यांकन प्रदान किये जा रहे भूमि/आवास से अधिक है तो शेष धनराशि का भुगतान प्रभावित को किया जायेगा। प्रभावित भूमि भवन के सापेक्ष अधिकतम 75 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर भवन निर्माण कर आवंटित करने से पूर्व संबंधित आपदा प्रभावित की भूमि/भवन की रजिस्ट्री राज्य सरकार के पक्ष में की जानी होगी। जिलाधिकारी, चमोली द्वारा पुनर्वास के सम्बन्ध में प्रस्तावित उक्त तीन विकल्पों को उपयुक्त पाते हुए उक्त विकल्पों के सम्बन्ध में शासन स्तर पर माननीय मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किये जाने की संस्तुति की गयी है।
समिति द्वारा शासन स्तर से आयुक्त गढ़वाल मण्डल की अध्यक्षता में गठित अन्तर्विभागीय समन्वय एवं शिकायत निवारण समिति की पुनः बैठक आहूत किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समिति द्वारा औली रोपवे के सम्बन्ध में पर्यटन विभाग के साथ उच्चस्तरीय बैठक किये जाने की संस्तुति की गयी है। जोशीमठ क्षेत्र में जिन घरों में छोटी-छोटी दरारें आयी है और भूमि को सुरक्षित पाये जाने की दशा में उक्त घरों / भवनों की रेट्रोफिटिंग हेतु धनराशि दिये जाने का जिलाधिकारी द्वारा प्रस्ताव किया गया है। कर्णप्रयाग विधान सभा क्षेत्र के मा० विधान सभा सदस्य द्वारा नगर पालिका क्षेत्र कर्णप्रयाग क्षेत्र के बहुगुणा नगर आई०टी०आई० क्षेत्र, सी०एम०पी० बैंड के ऊपर, अपर बाजार, साकरी सेरा, ईणा बधाणी क्षेत्र की भूमि में आ रही दरारों को समिति के संज्ञान में लाया गया। समिति द्वारा मा० विधायक जी को यह अवगत कराया गया कि उक्त प्रभावित क्षेत्र में भारत सरकार के सम्बन्धित संस्थानों द्वारा जियोफिजिकल, भूगर्भीय सर्वे गतिमान है एवं उक्त अध्ययन का अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु त्वरित गति से निष्कर्ष करवा लिया जायेगा।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एलपीएम था, वर्तमान में घटकर 67 एलपीएम हो गया है। क्षेत्र में दराग्रस्त भवनों की संख्या में वृद्धि नही हुई है। दरारग्रस्त भवनों की संख्या 863 ही है। जोशीमठ में 235 भूस्वामियों को 3.53 करोड़ रूपये की धनराशि तथा 121 किरायेदारों को 60.50 लाख रूपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में है। 253 परिवार सुरक्षा की दृष्टि से अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 920 है। 43 प्रभावित परिवार अपने रिश्तेदारों या किराए के मकानों में चले गये है। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्ह्ति राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं।