यमकेश्वर विधानसभा के कांग्रेस पूर्व प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत भाजपा में पुनः शामिल होने से यमकेश्वर विधानसभा कांग्रेस की कौन संभालेगा कमान
यमकेश्वर विधानसभा के कांग्रेस पूर्व प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत भाजपा में पुनः शामिल होने से यमकेश्वर विधानसभा कांग्रेस की कौन संभालेगा कमान
यमकेश्वर विधानसभा से दो बार कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले शैलेन्द्र रावत आज भाजपा में शामिल हों गये हैं। शैलेन्द्र रावत भाजपा से 2007 से 2012 तक विधायक रहे। 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री ने भुवन चंद्र खंडूरी जी को भाजपा ने टिकट दे दिया और भाजपा और खंडूरी जी इस सीट से चुनाव हार गये। शैलेन्द्र रावत को बागी करार देते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और वह कांग्रेस में शामिल हों गये।
2017 में श्री शैलेन्द्र रावत ने यमकेश्वर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहें। वहीँ पुनः 2022 में इसी सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा किन्तु भाजपा की प्रचंड लहर में वह पार नहीं पा सकें। आज पुनः भाजपा में शामिल हों गये हैं। सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के अनुसार भाजपा उन्हें कोटद्वार से मेयर का टिकट दे सकती हैं।
वंही अब यमकेश्वर विधानसभा से कांग्रेस के प्रबल दावेदार महेन्द्र सिंह राणा, और शैलेन्द्र रावत के भाजपा में शामिल होने से वर्तमान में कांग्रेस नेतृत्व हीन हों गई हैं। हालांकि दुगड्डा ब्लॉक. प्रमुख, रूचि कैंतुरा और जिला कांग्रेस अध्यक्ष विनोद डबराल और यमकेश्वर ब्लॉक अध्यक्ष एवं जिला पंचायत भादसी,क्रांति कपरूवान कांग्रेस को एक जुट करने की कोशिश अवश्य कर रहें हैं।
वंही कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी भविष्य के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वर्तमान में यमकेश्वर विधानसभा विपक्ष विहीन होने से जन हित के मुद्दे दबे हुए नजर आ रहें हैं। वंही लोकसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में कांग्रेस से यमकेश्वर विधानसभा से कौन नेतृत्व करेगा यह दिलचस्प होगा। शैलेन्द्र रावत के भाजपा में शामिल होंने से कोटद्वार और यमकेश्वर विधानसभा को मजबूती मिल जायेगी