यमकेश्वर में हो रही लगातार भारी बरसात से जीवन अस्त व्यस्त, यहॉ घरों में घुसा पानी,

यमकेश्वर : पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बरसात के कारण पूरे उत्तराखण्ड में जीवन अस्त व्यस्त हो गया है, अधिकांश राजमार्गां और अन्य मार्गो पर मलवा आने से बंद है, वहीं भूस्खलन और भूधसाव के कारण आमजनों की मुसीबते बढ गयी हैं। यमकेश्वर क्षेत्र में इस बार बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण नदी के किनारे की बसागत वाली जगह पर मकानों के अंदर पानी घुसने से दीवारें टूटने घर के अंदर मलवा आने की खबरें आ रही हैं। वहीं सभी नदी उफान से होने पर ग्रामीण घरों में कैद हो गये हैं, जिससे उनके दैनिक जीवन कार्यशैली भी प्रभावित हो गयी है।
सुभाष जुगलाण ने बताया कि ग्राम बैरागढ़ तहसील यमकेश्वर में कल रात भारी बरसात के कारण कूत्ता काटली एवं सिरोल गदेरा उफान पर आ गया और गदेरा का पानी गांव के अंदर घुस गया जिससे तेजपाल पुत्र प्रेमलाल का मकान मलबे में दम गया दब गया ,पूरण, पुत्र प्रेमलाल के घर मे पानी घुस गया, समय रहते हैं पूरा परिवार वहां से बाहर निकल गया जिससे कि कोई जनहानि नहीं हुई आस पास के मकान में भी मलबा और पानी घुस गया। बैरागढ़ एवं कोइराल गांव के निवासी रात भर सो नहीं सके यह स्थिति हर साल की है। ग्रामीणों ने बताया कि सुरक्षा दीवार न बनने के कारण स्थिति भयावह बनी हुई है इसी तरह कुत्ते काटली के गधेरे में दीवार न बनने के कारण ग्रामीण रात भर सो नहीं पाते हैं। सुरेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, स्वयम्बर सिंह आदि का मकान घटा डमर तोक में है, भारी बरसात मे डर के कारण वह रात भर सो नहीं पाते है।
वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार कल रात ग्राम बुकण्डी के बेलवाला तोक में बलदेव सिंह के घर में पीछे की दीवार टूट गयी है, और पूरा मलवा अंदर घुस गया है, रात चार बजे स्थानीय निवासियों के द्वारा पीड़ित परिवार के सदस्यों को घर से बाहर निकाला। ताल घाटी में कुसुमवाला में बना रिजॉर्ट का किचन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, एवं बाईक रेत में दबने की सूचना है। वहीं ताल और त्याड़ो नदी तरह से उफान में होने से जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है, और आने जाने के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।