यमकेश्वर के हेंंवल नदी और अन्य गदेरे उफान पर, बैरागढ में नदी ने मचाई तबाही, कई मकानों की हुई क्षति

यमकेश्वर : यमकेश्वर विकास खंड मे आपदा थमने का नाम नहीं ले रही 13 अगस्त की आपदा के बाद दिनांक 17 अगस्त 2023 की रात एक बार फिर प्रकृति ने अपना क्रूर रुप दिखाते हुये क्षेत्र में जगह जगह बादल फटने से मकानों, गौशालाओं और कृषि भूमि को अत्यधिक नुकसान पहॅुचाया है। कल रात भारी गर्जना के साथ बिजली कड़क रही थी जिससे सम्पूर्ण क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त था। बताया जा रहा है कि हेंवल नदी, रवासण नदी, ताल नदी, त्योडो नदी एंव अन्य गदेरों में भारी बरसात के कारण पानी उफान पर है, जिससे काफी नुकसान होने का अंदेशा है।
क्षेत्र पंचायत सुदेश भट्ट ने बताया कि ग्राम पंचायत सिंदुडी के बैरागड गाँव में भारी तबाही मचाई। स्थानीय ग्रामीण रात भर भय के साये में घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गये।यहाँ पर कुत्ता कटली गधेरा ने अचानक ही उफान पर आने के बाद अपना रास्ता बदल दिया और गाँव के बीचों बीच तबाही मचाते हुये हेंवल नदी की ओर बढा। गॉव के मध्य गदेरे आने से कई घर टुट गये व कई मलवे में दबे हुये हैं।
स्थानीय ग्रामीण व पर्यटन व्यवसायियों ने रात भर जागकर लोगों को सचेत किया जिससे एक बड़ी जन हानि को टाला जा सका लेकिन स्थानीय ग्रामीण व पर्यटन व्यवसायियों को अत्यधिक नुक़सान हुआ है। स्थानीय ग्रामीण विनोद जुगलान सुभाष जुगलान अरुण जुगलान नरेंद्र कपरुवांण क्षेत्र पंचायत बूंगा एवं पर्यटन ब्यवसायी सुदेश भट्ट ,भगत राम जोशी ,श्रेय ,शेखर एवं स्थानीय युवाओं के साथ रात भर लोगों को सचेत करने में लगे रहे। क्षेत्र पंचायत बूंगा सुदेश भट्ट ने बताया कि बैरागड वर्तमान स्थिति में संपर्क मार्ग से पूर्ण रुप से कट चुका है। सुदेश भट्टा ने कहा कि जिस कारण प्रशासन की ओर से अभी तक किसी प्रकार की कोई राहत नहीं पहुँची है। वहीं प्रधान संगठन यमकेश्वर के संरक्षक रामलाल बेलवाल ने सरकार से ग्रामीणों की ओर से शीघ्र से शीघ्र गाँव के दोनों गधेरों की मशीनों द्वारा सफ़ाई की माँग की गयी है। पूर्व में भी ज़िलाधिकारी पौड़ी को इस संबंध में सूचित कर चुके हैं उन्होंने बताया कि यदि शीघ्र इन नालों की सफ़ाई का कार्य शुरु नहीं किये जाते तो वर्तमान हालातों को देखते हुये बैरागड की स्थिति और अधिक नाज़ुक हो सकती है ओर आने वाले समय में बैरागड का अस्तित्व ख़तरे में आ जायेगा।