धाद की पहल पर महिला सुरक्षा और जेंडर समानता पर रामप्यारी इंटर कॉलेज में हुआ सत्र

धाद की पहल पर महिला सुरक्षा और जेंडर समानता पर  रामप्यारी इंटर कॉलेज में हुआ सत्र
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ताकि फिर कोई अंकिता न हो-अंकिता एक ज्योति संवाद सत्र में छात्राओं ने सीखा जीवन कौशल

देहरादून: अन्याय को समझना और उसका सही विरोध करना जीवन संस्कार बने अंकिता-एक ज्योति की संयोजिका अर्चना ग्वाड़ी ने यह बात रामप्यारी इंटर कॉलेज के संवाद सत्र में कही। अंकिता भंडारी के न्याय के लिए की गई पहल के अंतर्गत धाद द्वारा जेंडर समानता और महिला सुरक्षा के सवालों पर केंद्रित अभियान “अंकिता -एक ज्योति ” के अंतर्गत रामप्यारी इंटर कॉलेज मे छात्राओं के साथ जेंडर समानता व महिला सुरक्षा के मुद्दे पर संवाद किया गया I सभा मे विचार पक्ष रखते हुए अर्चना ग्वाड़ी ने कहा कि अंकिता भंडारी के साथ हुए जघन्य अपराध ने आम समाज मे जिन सवालों को सामने लाकर खड़ा किया है उसमें एक बड़ा सवाल महिला सुरक्षा व जेण्डर समानता का भी है और इस विषय पर समाज मे चेतना का अभाव नजर आता है। इसीलिए अंकिता एक ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक चेतना के लिए पोस्टर अभियान, एक दिया अंकिता के निमित्त जैसे कदमों के साथ धाद ने उन सवालों के निमित्त सार्वजनिक विमर्श के सत्र आयोजित करने का भी तय किया है। अर्चना ने बच्चों से बातचीत करते हुए जेंडर की परिभाषा औऱ जेंडर समानता के महत्व पर चर्चा की I उन्होंने बताया की प्रकृति ने हर मनुष्य को अलग बनाया है, प्रकृति विविधता पसंद करती है I फिर भी प्राकृति ने महिला और पुरुष मे बहुत कम भेद दिए हैं पर सामाज ने समय के साथ इन भेदों को भेदभाव मे बदल दिया है I प्रकृति ने भेद सिर्फ प्रजनन के लिए दिए थे पर हमने उस आधार पर महिलाओं और पुरुषों के कार्यक्षेत्र, रहन-सहन, जीवन शैली हर चीज निर्धारित कर दी है और यही जेंडर असमानता हैं I पितृसत्ता ने हमारी सामाजिक संरचना कुछ यू कर दी गई है कि एक को ताकतवर और दूसरे को कमज़ोर समझा जाता है ।
सत्र मे छात्राओं ने भी निजी अनुभव साँझा करते हुए बताया कि उन्हें भी घर वा बाहर हर जगह असमानता का सामना करना पड़ता है I उनके घर मे भी खान-पान से लेकर घर के काम करने तक लड़कों और ल़डकियों मे भेद-भाव किया जाता है ।
इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य पर काम कर रहे बिमल रतूड़ी ने बच्चों को सशक्त वा आत्मनिर्भर बनने के गुण सिखाएँ I उन्होंने छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त कर स्वावलंबी बनने को कहा I उन्होंने बच्चों को लगातार न पढ़ सकने की स्थिति मे छोटे-छोटे अंतरालों मे पढ़ने की सलाह दी I उन्होंने कहा कि ल़डकियों के लिए शिक्षा का अधिक मह्त्व है I उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त कर, आत्मविश्वास औऱ ज्ञान के साथ समाज मे फैले असमानता को दूर करना होगा ।
इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती उर्वशी सिंह,उप प्रधानाचार्य श्रीमती कमलेश वर्मा, कोना कक्षा का के संयोजक गणेश चन्द्र उनियाल, शुभम शर्मा उपस्थित रहे तथा छात्राएं मोनिका, बबीता, प्रियंका, प्रिया आदि ने भाग लिया ।

Mankhi Ki Kalam se

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