यमकेश्वरः आपदा में तल्ला बनास, काण्डाखाल का यह परिवार हो सकता है बेघर, कभी भी गिर सकती है छत, ऑगन पड़ी चौड़ी दरारेंं, प्रशासन से लगाई गुहार

यमकेश्वरः उत्तराखण्ड में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूधसांव और भूस्खलन के कारण जगह जगह मार्ग बंद पड़े हुए हैं, जिन्हें खुलवाने का प्रयास जारी है। वहीं उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के कोटद्वार और यमकेश्वर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। यमकेश्वर के डांडामण्डल क्षेत्र और तालघाटी, हेंवलघाटी, यमकेश्वर घाटी सर्वाधिक प्रभावित हुई है। डांडामण्डल क्षेत्र के देवराना, धारकोट, कसान, भूमियाकिसार, और ताल घाटी में बुकण्डी दिवोगी ग्राम सभा एवं तल्ला बनास का काण्डाखाल क्षेत्र सबसे ज्यादा आपदा से ग्रसित है।
ग्राम तल्ला बनास के काण्डाखाल तोक में खिलपत सिंह रावत और बचन सिंह रावत, भारत सिंह रावत का मकान आपदा के कारण भू धंसाव होने से खतरे की जद में है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा प्रभावित परिवार खिलपत सिंह रावत का है, जिसके मकान के एक कमरे की दीवार गिर गयी है और छत लकड़ी के बल्ली के सहारे टिकी हुई है। बाकि आगे की दीवारों में मोटी दरारें आ गयी हैं, और घर का आंगन पूरी तरह धंस गया है, उस पर भी काफी चौड़ी दरारें हैं। खिलपत सिंह अपने गौशाला में निवास कर रहा है, गौशाला भी खतरे की जद में बतायी जा रही है। पूरे कांडाखाल में जमीन पर दरारें और भूस्खलन जारी है, जैसे जैसे धूप पड़ रही है, वैसे वैसे दरारें बढती जा रही है। खिलपत सिंह रावत ने कहा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को काण्डाखाल में मिला और उनसे अपने मकान को देखने की गुहार लगाई किंतु उनकी गुहार को नजरअंदाज कर चले गये। उन्होनें कहा कि स्थानीय उप राजस्व निरीक्षक मनीष सजवाण द्वारा निरीक्षण किया गया है।
मनीष सजवाण उपनिरीक्षक, ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र और प्रभावित परिवार का निरीक्षण कर आख्या फोटो सहित प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी है, मुआवजा मानकों के अनुसार संबंधित परिवार को दिया जायेगा। आपदा क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है और प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
वहीं कौड़िया किमसार मोटर मार्ग लाल माट क्षेत्र के पास टूट गया है, जिससे मार्ग अवरूद्ध हो गया है, जिससे पूरी न्याय पंचायत किमसार का सम्पर्क टूट गया है। बताया जा रहा है कि एक दो दिन में मार्ग पर जेसीबी लगाकर मार्ग खुल जायेगा।